प्रयत्नशील रहना चाहिए - डॉ विजय रक्षित

प्रयत्नशील रहना चाहिए - डॉ विजय रक्षित
जशपुर - शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, लोखंडी में विधालय प्रबंधन द्वारा उच्चतर माध्यमिक स्तर के छात्र-छात्राओं के लिए एक दिवसीय केरियर और काउन्सिल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रमुख प्रेरक के रूप में डॉ विजय रक्षित, पूर्व प्राचार्य, डॉ प्रदीप एक्का, विभागाध्यक्ष, समाजशास्त्र, राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अम्बिकापुर तथा डॉ राजीव रंजन तिग्गा, प्राध्यापक अंग्रेजी, शासकीय श्री रामेश्वर गहिरा गुरु महाविद्यालय, बगीचा उपस्थित थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में विघादायनी मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर केरियर और काउन्सिल कार्यक्रम की शुरुआत की। अतिथियों का स्वागत जशपुरान्चल की गौरवशाली परंपरा के अनुसार किया गया। अतिथि वक्ता के रूप में डॉ राजीव रंजन तिग्गा ने छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय में हमें अपने मन से इस बात को निकाल देना चाहिए कि हम जशपुर जिले के एक गांव से है और हम कुछ नहीं कर सकते हैं। मैं तो चूंकि बगल गांव रायपाट का हूं, ग्रामीण परिवेश में प्राथमिक शिक्षा प्राप्त कर उच्च शिक्षा जबलपुर में स्थित रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर से प्राप्त कर वर्तमान में शासकीय महाविद्यालय बगीचा में कार्यरत हूं। डॉ तिग्गा ने अपने विषय अंग्रेजी में नौकरी की संभावना और उपलब्धता की विस्तृत जानकारी दी। साथ ही अपनी संगीत के प्रति रुचि को भी अपने जीवन में सफल बनाने में एक सहयोगी विकल्प के रूप में स्वीकार किया है। उन्होंने यह भी कहा कि अपने इच्छा के अनुरूप अपना आदर्श या मार्गदर्शक अपनाया चाहिए। उन्होंने बहुत सारे उदाहरण देकर समझाने का प्रयास किया कि नौकरी की कमी नहीं है बल्कि योग्य व्यक्ति की आवश्यकता है। दूसरे वक्ता के रूप में डॉ प्रदीप एक्का, प्राध्यापक, अम्बिकापुर ने छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा जिला शिक्षा के क्षेत्र में बहुत आगे है, परन्तु रोजगार तथा स्वरोजगार के संबंध में जानकारी के अभाव में उतनी सफलता नहीं मिली है। हमें प्राथमिकता से अपना लक्ष्य निर्धारित कर उसे प्राप्त करने के प्रयास में लग जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने स्वरोजगार संबंधी अनेक महत्वपूर्ण जानकारी दी। तीसरे वक्ता के रूप मे लोखंडी विधालय के पास के बस्ता गांव की छात्रा कु तेजस भगत को भी प्राचार्य महोदया ने आदर्श स्वरूप प्रस्तुत किया। वह बतायी कि विषय आवागमन की परिस्थितियों के बाद भी आज मैं एम एस सी में अध्धयनरत हूं तथा एन सी सी सी प्रमाण पत्र उत्तीर्ण होकर प्रतियोगिता परीक्षा के लिए प्रयास रत हूं। मुझे विश्वास है कि मुझे शीघ्र ही कोई ना कोई शासकीय सेवा प्राप्त हो जायेगा। कार्यक्रम के अंत में अंतिम वक्ता के रूप मे जिसे सब सुनना चाहते थे, आमंत्रित किया गया। आते ही डॉ रक्षित ने चिरपरिचित अंदाज में आकर आय और हलों कहकर अपने उद्बोधन को प्रारंभ किया । सबसे पहले उन्होंने उपस्थित सभी छात्र छात्राओं से पूछा कि आप किस संकाय के सदस्य हैं तथा आप अपने जीवन में क्या करना चाहते हैं। सभी छात्र-छात्राओं से पूछने के बाद उन्होंने कला संकाय, विज्ञान संकाय एवं वाणिज्य संकाय के सभी छात्र-छात्राओं को विशेष रूप से यह बताया कि विज्ञान संकाय में 12वीं पास करने के बाद ,कला संकाय में एवं वाणिज्य संकाय में पास होने के बाद मात्र बी ए, बीकॉम और बी.एस-सी ही आपके जीवन को सफल नहीं बना सकता। इसके लिए उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं को बताया कि इसके अलावा भी अनेक विश्वविद्यालय द्वारा या शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं के द्वारा अनेक व्यावसायिक पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाते हैं। जिसमें प्रवेश लेकर आप मात्र सैद्धांतिक डिग्री के अतिरिक्त व्यवसायिक व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त कर देश के विभिन्न क्षेत्रों में मात्र अपनी सेवा ही नहीं दे सकते वरन समाज के लिए एक आदर्श एवं उदाहरण प्रस्तुत कर सकते हैं ।सारे छात्र छात्राओं को उन्होंने कहा की आप इस समय सपना देखें कि मुझे क्या बनना है, मैं आपको रास्ता दिखाऊंगा। जिसमें आपको ईमानदारी एवं परिश्रम के माध्यम से आप अपने सपने को साकार कर सकते हैं। उन्होंने बी लिब आई एस सी, बीसीए ,फार्मेसी एवं अन्य व्यावसायिक कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया जिसकी इच्छा या कल्पना अच्छे एंकरिंग या मंच संचालन का है। वह छात्र पत्रकारिता के संबंध डिग्री या डिप्लोमा प्राप्त कर जनसंपर्क अधिकारी एवं राज्य एवं केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों में उदधोषक के रूप में कार्य कर सकते हैं। इन कार्यों में सम्मान के साथ-साथ अच्छा वेतन एवं आप अपने जीवन की सभी इच्छाओं और सपनों को पूरा कर सकते हैं। उन्होंने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के युग में नौकरी ही कोई समस्या नहीं है ,आवश्यकता है आप उस पद के लिए अपने आप को सक्षम एवं काबिल बने ।उन्होंने इसके साथ ही साथ संगीत ,नृत्य , शिल्प कला एवं अन्य परंपरागत उपलब्ध विषय हैं, इस पर भी प्राविणयता प्राप्त कर एक अच्छा एवं सम्मानित जीवन व्यतीत कर सकते हैं। सभी छात्र-छात्राओं से आव्हान किया कि आप पढ लिखकर शासकीय नौकर ही मत बने ,वरन ऐसा कार्य करें कि आप अपने परिवार ,समाज और प्रदेश के नवयुवकों के लिए एक आदर्श बने एवं अनेक लोगों को जीविका का साधन उपलब्ध कराये। कार्यक्रम के अंत में शासकीय
उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लोखंडी के प्राचार्य श्रीमती बुनकर ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए छात्र छात्राओं को भविष्य में मार्गदर्शन देने का अनुरोध किया। आज के इस कार्यक्रम में प्राचार्य के साथ-साथ मुकेश पाठक , जे पी भगत , साहू, कार्यक्रम अधिकारी, एक्का जी तथा अन्य शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं ने महत्वपूर्ण योगदान देकर एक दिवसीय केरियर एवं
काउंसलिंग के कार्यक्रम को सफल बनाया। अंत में डॉ रक्षित ने छात्र छात्राओं के उत्साह को देखते हुए उन्होंने विद्यालय प्रबंधन की प्रशंसा की तथा कहा कि आपके यहां के जब भी मेरी आवश्यकता होगी, मैं उपलब्ध रहूंगा।