जाने क्या है पुरातत्वितक् शिव मन्दिर देउरकोना का  इतिहास

जाने क्या है पुरातत्वितक् शिव मन्दिर देउरकोना का  इतिहास

*जाने क्या है पुरातत्वितक् शिव मन्दिर देउरकोना का  इतिहास*

जशपुर - देऊरकोना का मंदिर सन्ना से चम्पा की ओर जाने वाले मार्ग में बम्हनी गांव से एक कि मी दूरी पर देऊरकोना के मंदिर के अवशेष प्राप्त हुए हैं। सन्ना  तहसील के  देउरकोना  नाम का यह  मन्दिर है जो काफी पुरानी है इस संबंध में बताया जाता है की इस मन्दिर का निर्माण का पुराने जमाने मे दूर दूर से बड़े बड़े शिला को लाकर बनाया गया है जो अपने आप  मे काफी आकर्षक है ।यह मंदिर गाँव के लोगो का आस्था का केन्द्र है । वस्तुत मंदिर के शिल्प  को देखने से यह पता चलता है कि इसका कार्यकाल 11एव 12 वी शताब्दी का रहा होगा। जशपुरान्चल के इतिहास एवं पुरातत्व के जानकार डॉ विजय रक्षित ने बताया कि मंदिर का स्थापत्य कला काफी उच्च कोटि की है। वर्तमान समय में कोई मूर्ति नहीं है तथा गांव के लोगों द्वारा यदा-कदा पूजा पाठ किया जाता है।और इस मन्दिर का नामकरण 
देउर कोना  नामक गांव  में होने के कारण इस मंदिर को देऊरगढ़  मन्दिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है, संरक्षण एवं संवर्धन की आवश्यकता है।